भारतीय नारी
कविता एक नयन
कविता एक नयन
है कवि की कृतियों का उपवन
है इस उपवन की तू कोयलहै
जिससे पाश्चात्य संस्कृति अब भी ओझल
है जो मादकता फैलाती है
जो जीवन राह दिखाती है
जो अपनी प्यारी कंठ ध्वनि से जीवन राग सुनाती है
जो एक निर्लज्ज आवारें को भी कवि का दर्जा दिलवाती है,
जो कवि सा कोमल हृदय पाकर,
इच्छावों के पंख उडाता है
जो कविता की हर पंक्ति में तेरा नाम ही लाता है
आखिर अपनी मृदुल सारंगी से तुने उसको खींच लिया
अब वो तुझमे ही मतवाला है
तेरे जीवन का रखवाला है
क्योंकि - कविता एक नयन है..
कवि की कृतियों का उपवन है ..
विवेक ""उल्लू" पाण्डेय
भोपाल म.प्र.
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